आसमान नजर आता है पास मगर है बहुत दूर। वैसे ही कुछ मेरी जिंदगी है। जीवन को बेहतर बनाने के लिए मैं रांची से अपने करियर का शुरुआत किया और आज दैनिक भास्कर, रायपुर में कार्यरत हूं। रायपुर से पहले भी मैं कई जगहों पर रहा और कई अखबारों में काम किया। इससे पहले में जिन अखबारों में काम किया उसमें दैनिक जागरण, प्रभात खबर, नव बिहार, दैनिक भास्कर, देशबन्धु और फिर दैनिक भास्कर। जिन जगहों पर रहा उसमें रांची, जमशेदपुर, कोलकाता, देवघर, पटना, जालंधर, लुधियाना, दिल्ली और अब रायपुर। अभी तक जिन जगहों पर मैंने काम किया उनमें देवघर मुझे बहुत करीब लगा और भगवान भोलेनाथ की कृपा से आज इतना दूर तक पहुंचा। मगर आज भी ऐसा लगता है कि अभी और शहरों में जाना बाकी है और बहुत कुछ करना बाकी है। बस अभी(२१.०८.२०१०) तक की यही कहानी है मेरी................
मैं कुछ खास नहीं हूं, बस एक मामूली बन्दा हूं। छोटा से शहर से होते हुए आज दिल्ली पहुंच गया हूं। दिल्ली आने से पहले मैं कोलकता, रांची, देवघर, पटना, जालंधर और लुधियाना का सफर तय किया। बडे अखबारों में काम करते हुए आज देशबनधु में उप संपादक के रूप में कार्यरत हूं। मीडिया के क्षेत्र में अभी तक जिन अखबारों में मैंने काम किया उनके नाम इस प्रकार हैं। दैनिक जागरण, प्रभात खबर, नवबिहार, दैनिक भास्कर और अभी फिलहाल देशबन्धु में कार्यरत हूं।