अगर आप किसी से प्यार करते हैं और हमेशा फिट रहना चाहते हैं तो जल्दी से अपने प्यार का इजहार कर शादी की तैयारी कर लें। क्योंकि वैज्ञानिकों
यूके की कार्डिफ यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च के मुताबिक शादीशुदा आदमी जहां फिजिकली फिट रहते हैं वहीं शादीशुदा महिलाएं दिमागी तौर पर संतुष्ट रहती हैं और समय के साथ आपका ये हेल्थ पैकेज बढ़ता ही जाता हैं।
रिसर्च की मानें तो शादीशुदा पुरूषों के फिजिकली फिट रहने का राज है उनकी बीवीयां, जो उनके हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए जिम्मेदार होती हैं। वहीं औरतों के बारे में बात करें तो शादी के बाद वो अपनी मैरिड लाइफ में अपनी वैल्यू समझती हैं जिससे वो इमोशनली फिट रहने लगती हैं। डेविड ग्लेचर और जॉन ग्लेचर की इस स्टडी में कहा गया है कि प्यार एक समुद्री खोज की तरह है जिससे इंसान पूरी तरह रोमांस में भीग जाता है और आपको एक दूसरे के और करीब लाता है।
स्टडी के अनुसार क्योंकि शादी में दो इंसान एक दूसरे के साथ रहते हैं, कमिटमेंट करते हैं और काफी लंबा रिश्ता शेयर करते हैं और यही वजह है कि ऐसे जोड़े ज्यादा फिजिकली और मेंटली फिट रहते हैं।
फिजिकली हेल्थ की बात की जाए तो शादीशुदा पुरूष महिलाओं से ज्यादा भागयशाली होते हैं वहीं अगर मेंटल हेल्थ की बात की जाए तो शादीशुदा महिलाएं पुरुषों से ज्यादा फिट रहती हैं। शादी के बाद पार्टनर का आपके लाइफ स्टाइल को लेकर पॉजिटिव रहना आपके लिए एक हेल्थ प्रीमियम है। वहीं रिश्ते में हस्बंड के द्वारा अपनी वाइफ को ज्यादा महत्व देना उनके लिए मेंटल बोनस साबित हो सकता है।
लेखक के अनुभवों के आधार पर टीनएजर्स में रोमांस उन्हें डिप्रेशन की ओर ले जाता है और आगे चलकर उनके सेहत पर बुरा असर पड़ता है । जबकि टीन ऐज के बाद प्यार में इस तरह की कोई भी परेशानी पेश नहीं आती है।
इसलिए समर्पित प्यार के लिए मेच्योरिटी बहुत जरुरी है। इस लिहाज से महिलाओं में रिलेशनशिप के लिए सही उम्र 19 से 25 साल के बीच होनी चाहिए तो वही पुरुषों के लिए 25 के बाद ही ऐसे रिलेशनशिप को तरजीह देना चाहिए।
लेखक के अनुसार तनाव भरे संबंध से कही अच्छा है कि आप अकेले रहें। संबंधों में अलगाव काफी तकलीफदेह होता है पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं पर इसका कम ही असर पड़ता है।क्योकि उनके साथ अच्छा सोशल नेटवर्क होता है। संबंधों के असफल होने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।