Monday, August 18, 2008
पता नही कहा है मजिल
बहुत दिन से कोशिस kआर रहा हु की लाइफ मे कुछ अलग करने की. मगर हो नही पा रहा है समझ मे नही आ क्या करू। कभी भी सोचा हुआ कम नही हो पा रहा है ये मेरा बेड लक है या कुछ और। अब मे आज पर्ण कर रहा हू की जब तक अब जो मे सोच हू पुरा नही होगा तब तक किसी को नही बताऊंगा। बाजार की मांग क्या है पता है फिर भी कुछ नही कर पा रहा। लगा हू मंजिल की तलास मे पता नही कब मिलेगी.......
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