Wednesday, May 22, 2013


 मोबाइल उसे मिली, ज्यादा खुशी मुझे हुई

रुको भैया, रुको भैया, रुको भैया चिल्लता हुआ एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अचानक रात के 1.15 बजे मेरी गाड़ी के आगे आ गया। उसके एक हाथ में बड़ी सी करछी और एक थैला था जो लगातार एक ही रट लगाए जा रहा था 'भैया उस ऑटो के पीछे चलो, उसमें मेरा मोबाइल रह गया है। इतनी रात में वह व्यक्ति हांफते हुए अपनी बात मेरे सामने रख रहा था जिस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। मगर उसकी स्थिति देख कर ऐसा लग नहीं रहा था कि वह झूठ बोल रहा है। चूंकि मैं आते समय उस ऑटो वाले को जाते हुए देखा था सो मैं उसकी मदद को तैयार हो गया।
वंदना बजाज के पास वह व्यक्ति मुझ से मदद मांग रहा था जहां से वह ऑटो नजर नहीं आ रहा था, जबकि वहां सड़क काफी दूर तक सीधी है। मैं इसकी परवाह न करते हुए उस व्यक्ति को लेकर तेज से उस दिशा में बढ़ा, जिधर ऑटो वाला गया था। करीब एक किलोमीटर जाने के बाद वह ऑटो वाला नजर आया, जो तेजी से भागा जा रहा था। उसे तेजी से भागता देख मैंने भी अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी। आखिर कुछ ही देर में वह ऑटो वाला हमारी पकड़ में था। वह हमें इस तरह पीछा करते हुए देख कर थोड़ा घबरा गया। जब हमने उससे फोन के बारे में पूछा तो उसने हां कहते हुए फोन ऑन करते हुए हमें देने लगा। जब मैंने उससे कहा कि जब तुम्हें फोन का पता लगा तो तुम वापस करने की बजाय भाग क्यों रहे थे। तो इस बात पर वह चुप हो गया। ऑटो वाले से फोन लेते हुए वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ। वो बार बार मेरा धन्यवाद कर रहा था कि आप नहीं होते तो आज मेरा फोन नहीं मिल पाता। उसके फोन मिलने पर उससे ज्यादा खुशी मुझे हो रही थी। जिंदगी में ऐसे खुशी के पल बहुत कम ही आते हैं। मगर कोशिश करता हूं और करता रहूंगा कि ऐसी खुशी मिलते रहें।

वापस लौटते समय हम दोनों काफी खुश थे। वह व्यक्ति पेश से एक हलवाई है जो मेरे घर से कुछ ही दूरी पर रहता है। इस घटना से पहले मैं उसको नहीं जानता था और न ही वो मुझे। मगर इस घटना के बाद हम एक-दूसरे को जान गए। वह जाते जाते अपने साथ लाए मिठाई से मेरा मुंह मीठा करवाया।

आपको यह घटना बताने का मकसद अपनी तारीफ बटोरना नहीं है, बल्कि मैं आप से अनुरोध करना चाहता हूं कि जब भी आपके सामने ऐसी स्थिति आए तो आप सामने वाले की मदद एकदम बेहिचक करें। इससे जो आपको संतुष्टि और खुशी मिलेगी वो आप शब्दों में बयां नहीं कर पाएंगे।

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