Friday, July 30, 2010

सड़क हादसों की वजह खूबसूरत लड़कियां

मुझे लगता है कि भगवान ने जितनी भी खूबसूरत चीज बनाई उसमें लड़कियां ही सबसे खतरनाक होती हैं। मैं अभी तक ऐसा सोचता था मगर कभी इस बात को किसी से इजहार नहीं किया, मगर आज की खबर ने मेरी सोच को बल दिया और मेरा सोचना यकीन में बदल गया। आपको अगर यकीन न हो तो पढ़ लीजिए आपको भी यकीन हो जाएगा कि हां, ऐसा ही है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि ब्रिटेन में गर्मियों में पुरुष अधिक कार दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं क्योंकि कार चलाते वक्त उनका ध्यान छोटे कपड़े पहने लड़कियों की ओर भटक जाता है। ब्रिटेन के समाचार पत्र 'डेली एक्सप्रेसÓ के मुताबिक 29 फीसदी पुरुषों ने स्वीकार किया है कि गर्मियों में गाड़ी चलाते वक्त वे मिनी स्कर्ट और छोटे टॉप पहनने वाली लड़कियों और महिलाओं को देखने के चक्कर में सड़क पर एकाग्रता नहीं बना पाते। कुल 1300 से अधिक चालकों पर किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि इनमें से 25 फीसदी पुरुष चालक पिछले पांच वर्षो में कम से कम एक बार दुर्घटना का शिकार जरूर हुए या फिर बाल-बाल बच गए, जबकि 17 फीसदी महिलाओं के नजर वाहन चलाते वक्त भटके। मनोवैज्ञानिक डोना डॉवसन ने इस बारे में कहा, 'सर्वेक्षण से पता चलता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा दुर्घटना के शिकार होते हैं।Ó इस सर्वेक्षण को कराने वाली कार बीमा कंपनी शेइलास के मुताबिक पिछले साल जून से अगस्त के बीच महिलाओं की तुलना में 16 फीसदी अधिक पुरुषों ने बीमा का दावा किया। इसके विपरीत केवल तीन फीसदी महिलाओं ने माना कि वे गर्मियों में पुरुषों के पहनावे से आकर्षित होती हैं और वाहन चलाते समय वे उन्हें देखती हैं।

Wednesday, July 28, 2010

हानिकारक बैक्टीरिया का घर है मोबाइल फोन


मोबाइल फोन एक ऐसा उपकरण बन गया है, जिसके बिना कहीं जाना जैसे सब कुछ घर पर छोड़ जाना। अगर गलती से हमारा मोबाइल घर में छूट जाता है तो सारा ध्यान उसी पर रहता है पता नहीं किसका फोन आया होगा, कहीं कोई जरूरी मैसेज आया होगा इत्यादि बहुत सी बाते दिमाग में घूमने लगती है और सारा ध्यान फोन पर ही टिका रह जाता है। अब अगर आपको पता लगे कि उस मोबाइल का घर में छूट जाना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा तो यकिन करना मुश्किल हो जाएगा न कि ऐसा कैसे हो सकता है, जिससे हम पूरे दुनिया से जुड़े होते हैं उसके घर में छूट जाने से भला हम कैसे फायदे में रह सकते हैं तो जनाब जान लीजिए कि मोबाइल फोन में शौचालय के फ्लश हैंडल से औसतन 18 गुना ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं। यह बात परीक्षणों से सामने आई है। जांच में पाया गया है कि फोन पर खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं। इनकी वजह से फोन धारकों को पेट में गंभीर बीमारी होने की आशंका अधिक रहती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में इस्तेमाल किए जा रहे 6.3 करोड़ मोबाइल फोन में से 1.47 करोड़ उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ हो सकती है। शोध करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ जिम फ्रांसिज ने कहा कि मोबाइन फोन में हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इसलिए फोन को साफ रखने की जरूरत है। एक अन्य शोधकर्ता केरी स्टेनवे ने कहा कि मोबाइल फोन को बैक्टीरिया से दूर रखा जा सकता है। जब हम कोई गंदी वस्तु हाथ में लेते हैं उसी माध्यम से कीटाणु हाथ में आते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को इससे बचने के लिए ऐहतियात बरतने और सफाई रखने की जरूरत है।

Wednesday, July 21, 2010

बीवी का एक्सीडेंट, और अच्छी ख़बर...


संता सिंह के फोन की घंटी बजी... उठाने पर आवाज़ आई, "मैं एबीसी हॉस्पिटल से डॉक्टर एक्सवाईज़ेड बोल रहा हूं... क्या आप संता सिंह जी बोल रहे हैं...?" संता के हामी भरने पर डॉक्टर बोला, "आपकी पत्नी के साथ एक बहुत भयंकर हादसा हो गया है... उन्हें एक ट्रक ने कुचल दिया था... और अब मेरे पास आपके लिए एक बुरी ख़बर है, और एक अच्छी... बुरी ख़बर यह है कि उसकी दोनों टांगें और दोनों हाथ काटने पड़े हैं, और अब उसे बाकी की सारी ज़िंदगी हर काम के लिए सहारे की ज़रूरत पड़ेगी..." संता ने लगभग चीखते हुए कहा, "क्या... हे भगवान, यह क्या हो गया... लेकिन अच्छी ख़बर क्या है, डॉक्टर साहब...?" डॉक्टर का जवाब आया, "मैं मज़ाक कर रहा था, वह मर चुकी है..."

Tuesday, July 13, 2010

हर पांचवां साथी बेवफा!


आज के दौर में हर पांच में से एक शख्स अपने साथी के प्रति ईमानदार नहीं होता है। एक ताजा अध्ययन की माने तो हर पांचवें व्यक्ति का दिल अपने साथी के लिए नहीं बल्कि किसी और के लिए धड़कता है। यही नहीं, बेवफाई के मामले में पुरुष महिलाओं से आगे हैं। स्थानीय समाचार पत्र 'डेली मेलÓ के अनुसार इस अध्ययन में 3,000 लोगों की राय ली गई। इनमें से 50 फीसदी ने कहा कि वे अपनी साथी के प्रति ईमानदार हैं। आधे लोगों ने पूरी ईमानदारी से स्वीकार किया कि उनका झुकाव किसी और के लिए भी है। प्रत्येक छह में से एक की राय थी कि वह किसी और के साथ मेलजोल और संबंध बनाने की चाहत रखते हैं। अध्ययन में ज्यादातर लोगों ने यह माना कि किसी और के लिए पैदा हुए अहसासों पर काबू कर पाना संभव है। इस अध्ययन में शामिल एक शख्स ने बताया, 'अपने मौजूदा रिश्तों से खुश लोग भी न चाहते हुए किसी और का अहसास कर लेते है। इस तरह के अहसास तीन महीने से लेकर तीन साल तक जिंदा रहते हैं।Ó अध्ययन में कहा गया है, 'जो लोग अपने अहसासों पर काबू नहीं रख पाते वे अक्सर किसी और संबंध में पड़ जाते हैं, जिससे उनका विवाह या मौजूदा रिश्ता टूट जाता है।Ó इस अध्ययन के दौरान 25 लोगों में से एक ने माना कि उनका अपने साथी के अलावा किसी और से संबंध पांच वर्ष से भी अधिक समय तक चला। किसी और से संबंध स्थापित करने का चलन पुरुषों में ज्यादा है। 22 फीसदी पुरुषों ने माना कि उनका एक बार में दो से ज्यादा महिलाओं के साथ संबंध रहा है। महिलओं में यह प्रवृति कम देखी गई। 15 फीसदी महिलाओं ने माना कि उनका अपने साथी के अलावा किसी और भी संबंध रहा है। 29 फीसदी पुरुषों ने माना कि उन्होंने दूसरी महिला के लिए अपनी साथी को छोडऩे का विचार किया था। ऐसी राय रखने वाली महिलाओं की संख्या 19 फीसदी रही।

Thursday, July 8, 2010

कैसी लड़कियां अच्छी लगती हैं आपको?


हम लड़के अपने बारे में कुछ सोचे न सोचे मगर कौन लड़की कैसी है इस पर ध्यान जरूर देते हैं। दें भी क्यों न आखिर वो भी तो हमारी जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। हमारे सोचने के नजरिए से लड़़कियां दो तरह की होती है, वो दो तरीके हैं 'अच्छी लड़की या बुरी लड़कीÓ। अब इन दोनों में अगर तुलना की जाए तो आप और हम दंग रह जाएंगे कि आज के अनुसार कौन सी लड़की अच्छी है और कौन बुरी.........अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर जो बुरी है वो बुरी है इसमें आज की क्या बात है, तो रुकिए जनाब और कुछ पढ़ कर ही फैसला कीजिए कि कौन सी लड़की बुरी है और कौन सी अच्छी। कहीं जिसे आप अच्छी समझते हैं वहीं लड़की आज के दौर में बुरी तो नहीं। ये फैसला अब आपके अपने सोच पर है। आप बताएं कि कौन सी लड़की आज के हिसाब से सही है? आपको इसके लिए बहुत से विचार मन में आ रहे हैं तो मैं आपको अच्छी और बुरी दोनों लड़कियों का कुछ ब्योरा दे रहा हूं फैसला कीजिए कौन अच्छी है।
अच्छी लड़की : अच्छी लड़की की कोई सही जानकारी तो मेरे पास नहीं है बस अपनी सोच के अनुसार आपको बता रहा हूं ये सोच आप से मिले ये जरूरी नहीं है मगर हम अधिकतर लोगों की सोच शायद इस से मिलती है। अच्छी लड़की शर्मीली होगी, कम बोलने वाली, विचारहीन, भद्र, संकोची और सहमी-सी दिखती है। उसमें आत्मविश्वास नाममात्र का नहीं होता। बोलते हुए तनिक अटकती है। सलीके से कपड़े पहनती है। छाती पर दुपट्टïा होगा। पलकें अधझुकी टाइप की। तेज आवाज में बोलना, ठहाके लगाना, उसको आता नहीं। उसके भीतर क्या है, यह तो खुदा भी नहीं जान सकता। परिवार के बड़ों की बात सौ प्रतिशत मानने वाली, इस लड़की को अपने मन की कहने की जरूरत भी नहीं महसूस होती। पढ़ाई की किताबों के अलावा, इसने कोई 'एडल्टÓ टाइप की मैग्जीन को हाथ भी नहीं लगाया होगा। इसकी कुछ हमउम्र की लड़कियों से बात भले ही हो जाती हो पर सहेलीबाजी के नाम पर यह समय नहीं बर्बाद करती। अपनी सभी बातें/जिज्ञासाएं अपनी मम्मीजी को ही बताती है। सिनेमा देखने जाती ही नहीं, जाएगी भी तो कोई पारिवारिक फिल्म, वह भी अपने परिवार के साथ। परिवार वालों के विरोध के बारे में तो वे सोच भी नहीं सकती। हम लड़के इन लड़कियों को अच्छी लड़की कहते नहीं अघाते। हमें ये इसलिए भी अच्छी लगती हैं क्यों कि ये कभी किसी चीज में विरोध नहीं करतीं। उनकों गलियों, सड़कों, बसों, कैंपस कहीं भी छेड़ा जा सकता है, फब्तियां कसी जा सकती है। इधर-उधर हाथ मारा जा सकता है। भय के मारे वे कुछ भी नहीं करेंगी। वे न तो पलट कर वार करेंगी और न ही कहीं कोई इसके खिलाफ शिकायत करेंगी। क्योंकि वो इसमें अपनी बदनामी समझती हैं। पिताजी/भाइया जहां चाहें उनको ब्याहने को स्वतंत्र होते हैं। बार-बार वे शादी वालों के सामने नुमाइश की तरह पेश किये जाने को कोई प्रतिरोध नहीं कर पाती। जिस किसी से ब्याह दी जाएं, उसी के साथ चली जाती हैं। उसका कभी विरोध नहीं करती, उसकी हां में हां मिलाते हुए, उसको अपना देवता मान लेती हैं। उसका उप-नाम तुरंत अपने साथ जोडऩे की उतावली में होती हैं। उसके खाने-पीने, उठने-बैठने को आइडियल मान लेती हैं। अपने मां-बाप को भुला कर उसके मां-बाप की सेवा में जुट जाती है। शादी के नवें महीने में ही उसकी गोद में अपनी सुहागरात की पहचान डाल देती है। वंश चलाने वाला जनने की जुगत में कई-कई गर्भपात खुशी-खुशी करवा लेती हैं। पति के आदेश पर बिना किसी चिंता के तुरंत बंध्याकरण करवा डालती हैं। करवाचौथों और सिंदूर-बिंदी से पति का मन मोहने वाली इन औरतों की हसरतें सपने पर परिवार में ही उलझते रहते हैं। इनके सपनों में भी मामी/चाची और दीदी ही आती हैं। पति की काली कमाई को उनकी कड़ी मेहनत का फल बताने वाली इन औरतों को वह सफलतम लगता है। उसकी कमियां इनकों खूबियां मान लेनी पड़ती हैं।
(हमारी नजर से ये वो लड़कियां हैं जो हमें बहुत अच्छी लगती हैं।)
बुरी लड़की : ये लड़कियां अपने मन की ज्यादा करती हैं। बिंदास होती हैं। मस्ती के साथ जीने की चाहत रखती हैं। अच्छी और सच्ची चीजों को भी सवालिया नजरों से देखती हैं। खुले आसमान में उडऩे को तैयार रहती हैं। मन की बातों को झट से जुबान पर ले आती हैं। परंपराओं को जूते की नोंक पर रखती हैं। नजरें झुका कर चलने का सवाल ही नहीं उठता, जरा उफ किया कि जमा कर देती हैं। गलत और पक्षपात बर्दाश्त करना इनके बूते की बात नहीं होती। ये पढऩे में ना भी अच्छी हो तो दोस्त ऐसे चुनती हैं, जो इनका होमवर्क पूरा कर डालते हैं और परीक्षा में नकल भी करवाते हैं। नया से नया फैशन इनको देख कर सीखा जा सकता है, छोटे कपड़ों में इनको कोई बुराई नहीं नजर आती। शरमाना-झिझकना इनके बस की बात नहीं होती। मम्मी की हिदायतों को घर से निकलते ही कचरे में फेंक देती हैं, कॉलेज बंक करके मस्ती करने, एडल्ट टाइप की फिल्में देखने में इनको आनंद आता है। स्कूली किताबों के अलावा ये सारी किताबें पढ़ लेती हैं। फैशन, मैग्जीनें घरवालों से छिपा कर रखती हैं। मोबाइल पर लड़कों का नाम सोना, मोना, गीता, रेवा के नाम से सेव करती हैं। स्कूल बैग में एकाध टी-शर्ट छिपा कर ले जाती हैं। मम्मी को बताये बिना ही हेयर-ट्रिम या फेशियल करवा डालती हैं। थोड़ी बड़ी हो जाएं तो हेयर कलरिंग भी करवा डालती है। रोटी/चावल की बजाए जंक खाती हैं। बाइक पर लांग ड्राइव में एक्स्ट्रा क्लास के बहाने निकलती हैं। करियर अपनी पसंद से चुनती हैं तो ब्वाय फ्रेंड में कोई कम्प्रोमाइज नहीं करना चाहती। आइटम-1, आइटम-2 के नाम पर दोस्तों को ट्राई करने में कोई संकोच नहीं करती। बेहतरीन कमाई ना कर सकने वाले को बीच में ही ड्राप कर सकती हैं, अपनी बेस्ट फ्रेंड के प्रेमी पर डोरे डाल सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां खा कर अपने प्रेमी को मु_ïी में रखने का साहस रखती हैं। घर में झूठ बोलती हैं और मां को बरगला लेती हैं। पढ़ाकू लड़कों का मन पढ़ाई से उचटवा सकती हैं और ममाज ब्याय को अपनी दीवानगी में नशाखोर बना सकती हैं। खुद को घंटों आईने के सामने निहारने वाली ये लड़़कियां अपनी काया को लेकर काफी कांसस होती हैं। खाने या गिफ्ट लेने के लिए लड़कों को बेवकूफ बनाना इनके बायें हाथ का खेल होता है। ये जितनी शार्प होती हैं, उतनी ही मनमर्जी भी चलाती हैं। इनके जो दिल में होता है, वही जुबान पर लाती हैं। गलत का विरोध करती हैं और अपने अधिकारों को लेकर सचेत होती हैं। दिमाग के दरवाजे खुले रखती हैं लेकिन ढर्रे पर चलने में इनको दिक्कत हो सकती है। ज्यादातर मामलों में ये अपनी पसंद से शादी करती हैं। घरवालों के कहने पर की भी तो उसका बटुआ और घर की माली हालत जांचने-परखने में कोई कोताही नहीं करतीं। रि-थिंक करने में ना सकुचाने वाली ये लड़कियां ज्याद चू-चपड़ करने वाले पतिदेव को अदालत भी घसीट सकती हैं और मौका पडऩे पर इनकी मम्मी के खिलाफ भी बोलती हैं। ये मानसिक रूप से तैयार होने के बाद ही बच्चा पैदा करने को तैयार होती हैं। अपने काम और बैंक बैलेंस को लेकर सजग रहती हैं। पतिदेव के जिम्मे घर के कुछ काम रखने में इनको कोई संकोच नहीं होता। अपने सपनों पर परिवार वालों का अतिक्रमण इनकी बर्दाश्त से बाहर होता है। तमाम घरेलू जिम्मेदारियां निभाने के बावजूद किटीज और शॉपिंग का जुनून नहीं त्याग सकतीं। बच्चों को डांस/स्वीमिंग/कराटे क्लासेज करवाने में तो उस्ताद होती हैं। उनके करियर और रियलिटी शोज में भागीदारी को लेकर चुस्त भी रहती हैं। आंसू टपकाती रहने के बजाए जिद करती हैं और अपना वजूद बचाए रखने की धुन में रहती हैं।
(हमारी नजर से ये वो लड़कियां हैं जो हमें बुरी अच्छी लगती हैं।)

Wednesday, July 7, 2010

पहली बारिश साथ लाई बाढ़

पंजाब, हरियाणा और हिमाचल हुए जलमग्न
हरियाणा में राहत कार्यों के लिए बुलाई गई सेना

...दिया इतना कि सब त्राहि-त्राहि हो गए। भारत में गर्मी का कहर झेल रहे विभिन्न राज्यों के लोगों को मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार था। मानसून देर ही सही आया तो, मगर पहली ही बारिश ने लोगों को त्राहि-त्राहि करने पर मजबूर कर दिया। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में खास तौर से मानसून ने कहर बरपाया। बदरा इतने बरसे की सब तरफ पानी ही पानी नजर आने लगा। गांव तो गांव शहर में भी सारी सुविधाएं धरी की धरी रह गईं और सब अंधेरे में डूब गए। रोजमर्रा की चीजें भी आम आदमी के पहुंच से बाहर हो गई। मानसून ने गर्मी से राहत तो दिला दी मगर इस राहत से अच्छी तो वो गर्मी ही थी, जिसमें सारी सुविधाएं तो उपलब्ध थीं। हालांकि ये संकट भी कुछ दिन में टल जाएगा और फिर से बहार आ जाएगी मगर जब तक रहेगी लोगों में त्राहि-त्राहि तो मचेगी ही।पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण इन राज्यों के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। घग्गर और सतलुज नदी से जुड़ी नहरों में जल स्तर बढ़ गया है। क्षेत्र के कई जिलों में रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई है और राहत कार्यों के लिए सेना बुलाई गई है। हरियाण के अंबाला और कुरुक्षेत्र के रिहायशी इलाकों में तीन से चार फुट पानी भर गया है। सेना इन इलाकों में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 क्षतिग्रस्त होने से प्रशासन ने लोगों को इस मार्ग पर यात्रा न करने की हिदायत दी है। राज्य सरकार ने अंबाला में हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। हेल्पलाइन नंबर 0171-2530401 के अलावा अंबाला के उपायुक्त को उनके आवास पर 0171-2552200 और 2552201 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। पुलिस महानिदेशक राजीव दलाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के विभिन्न हिस्सों से जोडऩे वाले अंबाला-दिल्ली राजमार्ग संख्या-1 पर यात्रा न करने की सलाह दी है। यह राजमार्ग शाहाबाद के नजदीक टूट गया है। अंबाला में पिछले तीन दिनों में 550 मिलीमीटर बारिश हुई है, हालांकि अंबाला और कुरुक्षेत्र में बुधवार सुबह से बारिश नहीं हुई है। अंबाला के उपायुक्त एसपी श्राव ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। रेलवे स्टेशनों पर फंसे लोगों का कहना है कि पिछले 24 घंटों से उन्हें स्थानीय प्रशासन या रेलवे प्रशासन की ओर किसी भी तरह की राहत उपलब्ध नहीं कराई गई है। अंबाला में शताब्दी एक्सप्रेस सहित करीब एक दर्जन रेलगाडिय़ां रद्द की जा चुकी हैं और बाकी रेलगाडिय़ां के परिचालन में 10 घंटे तक की देर हुई है। अंबाला छावनी, कुरुक्षेत्र और अन्य स्टेशनों पर हजारों यात्री रेलगाडिय़ां शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। अंबाला में सेना और वायुसेना के अड्डों के ज्यादातर इलाकों में भी एक से दो फुट पानी भरा है। कुरुक्षेत्र के शांति नगर इलाके में रहने वाले अवतार सिंह ने कहा कि हमारे बच्चों ने मंगलवार से कुछ नहीं खाया है। यहां खाना उपलब्ध नहीं है बिस्किट तक नहीं मिल रहे। अंबाला की निवासी सावित्री देवी ने कहा कि प्रशासन से कोई हमारी मदद के लिए नहीं आ रहा है। हमारे पास पीने तक के लिए पानी नहीं है, हमारे पूरे घर में पानी भर गया है। बाढ़ प्रभावित इन दोनों जिलों में सभी विद्यालयों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि छात्रों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसीलिए यह फैसला लिया गया है। बाढ़ के पानी में कमी के बाद विद्यालय दोबारा खुलेंगे।उधर, पंजाब के पटियाला और लुधियाना के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। सड़कों पर पानी जमा हो जाने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। बारिश से चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कई उड़ानों में विलंब की वजह से हवाई अड्डे पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश में अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू, मंडी, किन्नौर और शिमला जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। लगातार बारिश की वजह से इस पर्वतीय राज्य का पिछले तीन दिनों से हवाई संपर्क कटा हुआ है। निजी विमानन कंपनी 'किंगफिशरÓ के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से शिमला, कुल्लू और धर्मशाला की उड़ाने रद्द हो गई हैं। कुल्लू के उपायुक्त बीएम नंता ने बताया कि राज्य में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से व्यास, पार्वती व तीर्थन सहित उनकी सहायक नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि व्यास नदी से लगे हुए गांव और शहर के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। व्यास नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-22 पर पानी भर गया है। अधिकारी ने कहा कि हम जलस्तर पर निगरानी रख रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति में राजमार्ग को अस्थाई तौर पर बंद किया जा सकता है। मूसलाधार बारिश की वजह से शिमला में भारी भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते यातायात बाधित हुआ है। किन्नौर जिले में विभिन्न जगहों पर हुए भूस्खलन और पेड़ों के उखडऩे की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-22 को बंद किया गया। किन्नौर के पुलिस अधीक्षक यशबीर सिंह पथानिया ने बताया कि किन्नौर की अधिकतर सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। राजमार्ग वंगटू और मालिंग में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। (सहयोग एजेंसियां)

Monday, July 5, 2010

दिल्ली पहुंचा मानसून, मिली राहत



जहां भी गया यही सुना कितनी गर्मी है, जान निकल जाएगी। आदमी तो आदमी, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे सब पर गर्मी अपना असर दिखा रही थी, सबकी एक ही तमन्ना, कब इस भयंकर गर्मी से राहत मिलेगी। आखिर गर्मी को कोसते-कोसते मानसून भी आ ही गया। देर ही सही मगर सबको ज्यादा नहीं तो थोड़ा राहत दिला ही दिया। शहर से लेकर गांव तक सब जगह गर्मी से राहत मिल गई। अब सब जगह हरियाली ज्यादा दिखेगी और हरियाली दिखेगी तो मन चंचल और प्रसन्न हो जाएगा और सबकी जिंदगी में बहार आ जाएगी। लंबे इंतजार के बाद छह दिन विलंब से ही सही, मानसून ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में दस्तक दे दी। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही दक्षिण पश्चिमी मानसून मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर की ओर बढ़ चला है। लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून के देर से पहुंचने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी तट और लक्षद्वीप, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल व सिक्किम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में अच्छी बारिश हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक बीपी यादव ने बताया कि दिल्ली सोमवार को मानसून पहुंच गया। दिल्ली में हालांकि सामान्य तौर पर 29 जून को ही मानसून आ जाता है। इस मौसम में अच्छी बारिश होने की संभावना है। यादव ने बताया कि दिल्ली में न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री दर्ज किया गया जो औसत तापमान से तीन डिग्री नीचे था। अधिकतम तापमान 33 डिग्री के आस-पास रहा। दिल्ली में सोमवार को बादल छाए रहें तथा शहर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी हुई। गर्मी से परेशान दिल्लीवासियों ने इससे राहत महसूस की। दिल्ली में सोमवार को 57.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न भागों में सोमवार तड़के मानसून पूर्व की बारिश होने से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। अधिकारियों ने हालांकि कहा कि अगले दो तीन दिनों के भीतर मानसून के यहां तक पहुंचने की संभावना है। राज्य के मौसम विभाग के निदेशक सुरेंदर पाल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर भारत में पहुंच रहा है और अगले दो तीन दिनों के भीतर इसके यहां तक पहुंचने की उम्मीद है। पाल ने बताया कि इस क्षेत्र में लगातार सामान्य से लेकर तेज बारिश हो रही है। बारिश की वजह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। पंजाब और चंडीगढ़ के निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण यातायात जाम की समस्या पैदा हो गई। विभिन्न इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी बाधित रही। पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में सोमवार को अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज कया गया। रविवार से ही यहां 117.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। अमृतसर का अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री, जबकि पटियाला और लुधियाना में 32.1 और 28.4 डिग्री दर्ज किया गया। हरियाणा के अंबाला में अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उधर, राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद हुई मूसलाधार बारिश की वजह से पिछले 24 घंटे के दौरान विभिन्न हादसों में 16 लोगों की मौत हो गई। बारिश की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। राज्य में जयपुर, कोटा, उदयपुर सहित कई शहरों में लगातार बारिश होने के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया। जयपुर के एक रिहायशी इलाके में चार मंजिला निर्माणधीन इमारत ढह गई। रविवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में जमकर बारिश हुई। चित्तौडग़ढ़ के बेंगू कस्बे में महज चार घंटे में 3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, अलवर के कोटकासिम में 120, जयपुर के फुलेरा में 100 और नरेना, पावटा में 82 व 8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में उदयपुर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। झालावाड़ में तेज हवाओं के साथ वर्षा के कारण कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। जानकारी के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान बारिश की वजह से 16 लोगों की मौत हो गई। सिरोही के सरूपगंज थाना क्षेत्र में ईसरा-नितोडा मार्ग पर रविवार शाम बरसाती नाले में यांत्रियों से भरी टैंपो पलट जाने से उसमें सवार चार बालिकाओं की डूबने से मौत हो गई। चारों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस बीच, कोटा में बिजली गिरने से दो जनों की मौत हो गई। अलवर जिले में दो, राजाखेड़ा तहसील में एक, निबाहेड़ा उपखंड के सागवाडिया में तीन व रोजडा गांव में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। जालोर में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई। दूसरी ओर बिहार में पटना सहित राज्य के लगभग सभी इलाकों में बारिश न होने के कारण लोग उमस और चिलचिलाती धूप से परेशान हैं। आसमान पर हालांकि हल्के बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश न होने के कारण तापमान में वृद्घि दर्ज की गई है। पटना में सोमवार सुबह का तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गया का 27.5, भागलपुर का 28 तथा पूर्णिया 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले चौबीस घंटे के दौरान पटना का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस, गया का 36.8, भागलपुर का 34.2 तथा पूर्णिया का 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी निदेशक एसआई लश्कर ने सोमवार को बताया कि मानसून का दबाव राज्य के उपर से हट गया है। अगले चौबीस घंटे तक बारिश होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों के दौरान पश्चिमी गड़बड़ी पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी हिस्सों को प्रभावित करेगी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिमी तट, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, उत्तर पश्चिमी राज्यों, पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम, उड़ीसा, उत्तरी आंध्र प्रदेश, गुजरात, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और लक्षद्वीप, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू एवं कश्मीर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में व्यापक तौर पर अच्छी बारिश हो सकती है।

Saturday, July 3, 2010

दौलत से नहीं खरीदी जा सकती खुशी

ज्यादातर लोगों का मानना है कि अगर पैसा है तो सब कुछ कर सकते हैं, सब कुछ पा सकते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि यह बात सौ फीसदी सच नहीं है। पैसा सब कुछ दिला सकता है मगर यह आपकी खुशियां आपको नहीं दिला सकता। मन की शांति और जीवन का सुख पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। एक नए अध्ययन में सामने आया है कि पैसे से हम सुरक्षा तो खरीद सकते हैं लेकिन खुशहाली नहीं खरीद सकते। खुशहाली के लिए दुनियाभर के 100,000 से ज्यादा लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि आमदनी और सुरक्षा की भावना में तो संबंध होता है लेकिन पैसे और खुशियों के बीच कोई संबंध नहीं है। यह पाया गया है कि निजी व राष्ट्रीय आय बढऩे के साथ जीवन में संतुष्टि बढ़ती है। अध्ययन के मुताबिक मौज-मस्ती और आनंद जैसी सकारात्मक भावनाएं अन्य कारकों से मजबूती से जुड़ी होती हैं। इन कारकों में सम्मान मिलने की भावना, स्वतंत्रता की भावना, मित्र होना और संतुष्टिदायक रोजगार शामिल हैं। वेबसाइट 'टेलीग्राफ डॉट को डॉट यूकेÓ के मुताबिक इलिनॉय विश्वविद्यालय के मनोचिकित्सक एड डाईनर कहते हैं, 'लोग हमेशा आश्चर्य करते हैं, क्या पैसा आपको खुशहाल बना सकता है?Ó उन्होंने कहा कि इस अध्ययन में पता चलता है कि यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप खुशहाली को किस तरह परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आपको आमदनी और खुशहाली के बीच एक मजबूत संबंध देखने को मिल सकता है। डाईनर ने कहा कि दूसरी ओर यह बहुत अचंभित करने वाली बात हो सकती है कि सकारात्मक भावनाओं और खुशियों में कितना छोटा संबंध होता है। उन्होंने कहा कि धनवान होने के साथ आपके जीवन में संतुष्टि बढ़ती जाती है लेकिन इसका आपके जीवन के आनंद पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं होता।