पंजाब, हरियाणा और हिमाचल हुए जलमग्न
हरियाणा में राहत कार्यों के लिए बुलाई गई सेना
...दिया इतना कि सब त्राहि-त्राहि हो गए। भारत में गर्मी का कहर झेल रहे विभिन्न राज्यों के लोगों को मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार था। मानसून देर ही सही आया तो, मगर पहली ही बारिश ने लोगों को त्राहि-त्राहि करने पर मजबूर कर दिया। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में खास तौर से मानसून ने कहर बरपाया। बदरा इतने बरसे की सब तरफ पानी ही पानी नजर आने लगा। गांव तो गांव शहर में भी सारी सुविधाएं धरी की धरी रह गईं और सब अंधेरे में डूब गए। रोजमर्रा की चीजें भी आम आदमी के पहुंच से बाहर हो गई। मानसून ने गर्मी से राहत तो दिला दी मगर इस राहत से अच्छी तो वो गर्मी ही थी, जिसमें सारी सुविधाएं तो उपलब्ध थीं। हालांकि ये संकट भी कुछ दिन में टल जाएगा और फिर से बहार आ जाएगी मगर जब तक रहेगी लोगों में त्राहि-त्राहि तो मचेगी ही।पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण इन राज्यों के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। घग्गर और सतलुज नदी से जुड़ी नहरों में जल स्तर बढ़ गया है। क्षेत्र के कई जिलों में रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई है और राहत कार्यों के लिए सेना बुलाई गई है। हरियाण के अंबाला और कुरुक्षेत्र के रिहायशी इलाकों में तीन से चार फुट पानी भर गया है। सेना इन इलाकों में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 क्षतिग्रस्त होने से प्रशासन ने लोगों को इस मार्ग पर यात्रा न करने की हिदायत दी है। राज्य सरकार ने अंबाला में हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। हेल्पलाइन नंबर 0171-2530401 के अलावा अंबाला के उपायुक्त को उनके आवास पर 0171-2552200 और 2552201 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। पुलिस महानिदेशक राजीव दलाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के विभिन्न हिस्सों से जोडऩे वाले अंबाला-दिल्ली राजमार्ग संख्या-1 पर यात्रा न करने की सलाह दी है। यह राजमार्ग शाहाबाद के नजदीक टूट गया है। अंबाला में पिछले तीन दिनों में 550 मिलीमीटर बारिश हुई है, हालांकि अंबाला और कुरुक्षेत्र में बुधवार सुबह से बारिश नहीं हुई है। अंबाला के उपायुक्त एसपी श्राव ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। रेलवे स्टेशनों पर फंसे लोगों का कहना है कि पिछले 24 घंटों से उन्हें स्थानीय प्रशासन या रेलवे प्रशासन की ओर किसी भी तरह की राहत उपलब्ध नहीं कराई गई है। अंबाला में शताब्दी एक्सप्रेस सहित करीब एक दर्जन रेलगाडिय़ां रद्द की जा चुकी हैं और बाकी रेलगाडिय़ां के परिचालन में 10 घंटे तक की देर हुई है। अंबाला छावनी, कुरुक्षेत्र और अन्य स्टेशनों पर हजारों यात्री रेलगाडिय़ां शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। अंबाला में सेना और वायुसेना के अड्डों के ज्यादातर इलाकों में भी एक से दो फुट पानी भरा है। कुरुक्षेत्र के शांति नगर इलाके में रहने वाले अवतार सिंह ने कहा कि हमारे बच्चों ने मंगलवार से कुछ नहीं खाया है। यहां खाना उपलब्ध नहीं है बिस्किट तक नहीं मिल रहे। अंबाला की निवासी सावित्री देवी ने कहा कि प्रशासन से कोई हमारी मदद के लिए नहीं आ रहा है। हमारे पास पीने तक के लिए पानी नहीं है, हमारे पूरे घर में पानी भर गया है। बाढ़ प्रभावित इन दोनों जिलों में सभी विद्यालयों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि छात्रों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसीलिए यह फैसला लिया गया है। बाढ़ के पानी में कमी के बाद विद्यालय दोबारा खुलेंगे।उधर, पंजाब के पटियाला और लुधियाना के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। सड़कों पर पानी जमा हो जाने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। बारिश से चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कई उड़ानों में विलंब की वजह से हवाई अड्डे पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश में अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू, मंडी, किन्नौर और शिमला जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। लगातार बारिश की वजह से इस पर्वतीय राज्य का पिछले तीन दिनों से हवाई संपर्क कटा हुआ है। निजी विमानन कंपनी 'किंगफिशरÓ के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से शिमला, कुल्लू और धर्मशाला की उड़ाने रद्द हो गई हैं। कुल्लू के उपायुक्त बीएम नंता ने बताया कि राज्य में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से व्यास, पार्वती व तीर्थन सहित उनकी सहायक नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि व्यास नदी से लगे हुए गांव और शहर के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। व्यास नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-22 पर पानी भर गया है। अधिकारी ने कहा कि हम जलस्तर पर निगरानी रख रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति में राजमार्ग को अस्थाई तौर पर बंद किया जा सकता है। मूसलाधार बारिश की वजह से शिमला में भारी भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते यातायात बाधित हुआ है। किन्नौर जिले में विभिन्न जगहों पर हुए भूस्खलन और पेड़ों के उखडऩे की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-22 को बंद किया गया। किन्नौर के पुलिस अधीक्षक यशबीर सिंह पथानिया ने बताया कि किन्नौर की अधिकतर सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। राजमार्ग वंगटू और मालिंग में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। (सहयोग एजेंसियां)
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