Saturday, May 22, 2010

आखिरी सफर




पायलट ने नियंत्रण खोया और गईं 159 जानें


मैंगलोर। दुबई से मैंगलोर आ रहा एअर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग 737-800 विमान शनिवार सुबह तकरीबन छह बजे मैंगलोर के निकट बाज्पे हवाई अड्डे पर उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हो गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल चार वर्षीय बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह उन आठ लोगों में थीं, जो हादसे में बच गए थे। हादसे में गंभीर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों का एजे, यूनाइटेड और डेरालकेटे अस्पतालों में इलाज चल रहा है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण(एएआई) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक बोइंग 737-800 की उड़ान संख्या आईएक्स 812 दुबई से मैंगलोर आते वक्त सुबह 6।05 बजे मैंगलोर हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान ने जब उड़ान भरी थी तो उसमें 166 लोग सवार थे। इनमें 137 व्यस्क, 19 बच्चे, चार नवजात और छह चालक दल के सदस्य सवार थे। ज्यादातर यात्री केरल और मैंगलोर के थे। दो दिन पहले तक यहां तेज बारिश हो रही थी लेकिन विमान के उतरते वक्त दृश्यता छह किलोमीटर तक थी, हवा शांत थी और बारिश नहीं हो रही थी। विमान को हालांकि जहां (टच डाउन जोन पर) उतरना था, वह उससे कुछ आगे उतरा और रनवे क्षेत्र से आगे निकल गया तथा एक गड्ढे में जा गिरा। माना जा रहा है कि रनवे पर उतरने के दौरान ही विमान का अगला पहिया फट गया था हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से भाजपा के सांसद सदानंद गौड़ा ने कहा कि विमान उतरते वक्त एक इंस्ट्रमेंट लैंडिंग सिस्टम से टकरा गया। इसके बाद चालक ने विमान पर से नियंत्रण खो दिया और वह गड्ढे में जा गिरा, जिससे उसमें आग लग गई। एअर इंडिया के निदेशक अनूप श्रीवास्तव ने दुर्घटना के कारणों के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। एएआई द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इस रनवे की लम्बाई 2450 मीटर है और यहां 90 मीटर रनवे सुरक्षा क्षेत्र (रनवे इंड सेफ्टी एरिया) है। विमानचालक की ओर से किसी भी तरह की परेशानी होने की कोई सूचना नहीं दी गई थी। विमान का मुख्य पायलट सर्बियाई मूल का ब्रिटिश नागरिक था। टच डाउन जोन पर उतरने से चार मील पहले ही विमान को उतरने की हरी झंडी दे दी गई थी। श्रीवास्तव ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आठ यात्रियों को बचा लिया गया है, जबकि दो यात्रियों का अब तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। घायलों में कुछ की हालत बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि मैंगलोर हवाई अड्डे को फिलहाल बंद कर दिया गया है। मैंगलोर हवाई अड्डे पर आने-जाने वाली सभी उड़ानें फिलहाल कालीकट से संचालित होंगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुछेक यात्रियों को छोड़कर शेष किसी को बचाया नहीं जा सका। यह बहुत बड़ा हादसा है। मुख्यमंत्री इसके बाद दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। खराब मौसम के कारण हालांकि उन्हें हासन में ही विमान छोड़ कर सड़क मार्ग से मैंगलोर के लिए रवाना होना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक राहत व बचाव कार्य के दौरान आग लगने के कारण उठ रहे धुएं से राहत कार्य में बाधा पहुंची। अग्निशमन विभाग की तकरीबन 20 गाडिय़ों और 25 एम्बुलेंस को बचाव कार्य में लगाया गया। हादसे में उमर फारुक नाम का एक शख्स जैसे-तैसे दुर्घटनाग्रस्त विमान से बाहर निकलकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहा। फारुक के संबंधियों ने बताया कि जैसे ही विमान उतरा, वैसे ही बहुत तेज आवाज आई। इसके तत्काल बाद उसमें आग लग गई और चारों ओर धुआं ही धुआं हो गया। विमान टूट गया और वह बाहर निकलने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि फारुक के साथ दो-तीन और लोग वहां से कूदे थे लेकिन वे बच पाए या नहीं, यह पता नहीं है। फारुक के सिर और चेहरे का अधिकांश हिस्सा जल गया है। उन्होंने यह भी बताया कि चालक दल ने उतरने से पूर्व यात्रियों को आगाह भी नहीं किया था। यहां तक कि उन्हें सीट बेल्ट बांधने की सूचना तक नहीं दी गई। हादसे के मद्देनजर केरल में दो दिनों का शोक घोषित किया गया है। इस हादसे में मारे गए अधिकांश लोग केरल के थे। केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन और गृह मंत्री कोडियारी बालाकृष्णन भी दुर्घटनास्थल का जायजा लेने के लिए हादसे के कुछ ही घंटों बाद मैंगलोर पहुंच गए। मैंगलोर कर्नाटक और केरल की सीमा पर है। कर्नाटक के गृहमंत्री वीएस आचार्य ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। बाज्पे हवाई अड्डा मैंगलोर से 30 किलोमीटर और बेंगलुरु से 350 किलोमीटर दूर स्थित है। पहाड़ों और जंगलों से घिरे इस हवाई अड्डे को उड़ान भरने और उतरने के लिहाज से देश के सबसे खतरनाक हवाई अड्डों में गिना जाता है। इस क्षेत्र में पिछले दो दिन भारी बारिश भी हुई थी।



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